महाराष्ट्रातील अभयारण्ये,राष्ट्रिय उद्याने|MPSC Environment(पर्यावरण) Notes
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महाराष्ट्रातील अभयारण्ये,संरक्षित जाळ,महाराष्ट्रातील व्याघ्र राखीव क्षेत्र
By Shubham Vyawahare
17-November-2024
➤ जागतिक जैवविविधता हॉटस्पॉट ठरलेल्या पश्चिम घाटांचा बराचसा भाग महाराष्ट्रात वसलेला आहे.
➤ पश्चिम घाटाच्या एकूण 1600 किमी.
➤ लांबी पैकी महाराष्ट्रातील लांबी 440 किमी. आहे.
➤ राज्यामध्ये एकूण भौगोलिक क्षेत्रापैकी जवळपास 20.1% क्षेत्र (भारतातील वनक्षेत्राच्या 8%) वनांखाली आहे.
➤ वन धोरणानुसार हे 7% असायला हवे.
➤ महाराष्ट्रात एकूण 41 वन्यजीव अभयारण्ये, 6 राष्ट्रीय उद्याने व 6 व्याघ्र राखीव क्षेत्रे आहेत.
➤ जून 2012 मध्ये नव्याने चार आणि 2015 मध्ये एका वन्यजीव अभयारण्याची स्थापना महाराष्ट्रात करण्यात आली आहे.
➤ त्यामुळे महाराष्ट्रातील एकूण अधिसूचीत (Notified) वन्यजीव अभयारण्यांची संख्या एकूण 42 इतकी झाली आहे.
➤ नव्याने स्थापलेली ही अभयारण्ये खालीलप्रमाणे.
- उमरझराई - नागझिरा - भंडारा
- नवे माळढोक - सोलापूर
- नवे बोर - वर्धा
- नवे नवेगाव - गोंदिया
- ठाणे -
- ताम्हिनी-सुधागड - पुणे जिल्हा (मुळशी तालुका)
- ईसापूर - यवतमाळ जिल्हा
महाराष्ट्रातील अभयारण्ये
पुणे विभाग
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
मयुरेश्वर सुपे (मोर) | बारामती | पुणे | १९९७ | ५.१५ |
भीमाशंकर (शेकरू) | आंबेगाव | पुणे | १९८४ | 131 |
सागरेश्वर/ यशवंतराव चव्हाण | केडगाव | सांगली | १९८५ | १०.८७ |
कोयना | पाटण | सातारा | १९८५ | ४२४ |
ताम्हिणी | मुळशी | पुणे | २०१३ | ४९.६२ |
राधानगरी (गवे) | राधानगरी | कोल्हापुर | १९५८ | ३५१ |
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
येडशी –रामलिंग घाट | उस्मानाबाद | उस्मानाबाद | १९९७ | २२.३८ |
नायगाव – मयुरेश्वर (मोर) | पाटोदा | बीड | १९९४ | २८.८९ |
नवीन माळढोक | उस्मानाबाद | उस्मानाबाद | २०१२ | १.९८ |
गौताळा औट्रम घाट | कन्नड | औरंगाबाद | १९८६ | २८० |
जायकवाडी | पैठण | औरंगाबाद | १९८६ | ३४१ |
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
पैनगंगा | किनवट | यवतमाळ-नांदेड | १९८६ | ३२४ |
काटेपूर्णा | वाशीम | वाशीम | १९८८ | ७३.६३ |
अंबाबराव | खामगाव | बुलढाणा | १९९७ | १२७.११० |
ज्ञानगंगा | बुलढाणा | बुलढाणा | १९९७ | २०५ |
लोणार | लोणार | बुलढाणा | २००० | १०७ |
वाण | अमरावती | अमरावती | १९९७ | २११७३.६३ |
टिपेश्वर | केळापूर | यवतमाळ | १९९७ | १४८ |
इसापूर | दिग्रस | यवतमाळ | २०१४ | ३७.८० |
मेळघाट | धरणी (चिखलदरा ) | अमरावती | १९८५ | ७७८ |
नरनाळा | अकोट | अकोला | १९९७ | १३ |
कारंजा सोहळ(काळवीट ) | कारंजा | वाशीम -अकोला | २००० | १८.३२ |
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
अनेर | शिरपूर | धुळे | १९८६ | ८२.९४० |
नंदुरबाधमेश्वर (पक्षी) | निफाड | नाशिक | १९८६ | १०० |
यावल | यावल | जळगाव | १९६९ | १७९ |
देऊळगाव रेहकुरी (काळवीट) | कर्जत | अहमदनगर | १९८० | २.१७ |
हरिश्चंद्रगड – कळसुबाई | अकोले | अहमदनगर | १९८६ | ३६१ |
नागपुर विभाग
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
नवेगाव अर्जुनी | मोरगाव | गोंदिया | २०१२ | १२२.७५६ |
नवीन नागझिरा | गोरेगाव | गोंदिया | २०१२ | १५१ |
बोर | सेलू | वर्धा | १९७० | १२१ |
नवीन बोर (विस्तारित ) | सेलू | वर्धा | २०१४ | १६.३१ |
नागझिरा | गोरेगाव | गोंदिया | १९७० | १५१ |
चपराळा | चार्मोशी | गडचिरोली | १९८६ | १३५ |
भामरागड | भामरागड | गडचिरोली | १९९७ | १०४.३८० |
अंधारी | भद्रावती | चंद्रपूर | १९८५ | १०९ |
कोका | भंडारा | भंडारा | २०१३ | ९७.६२ |
प्राणहिता | गडचिरोली | २०१४ | ४२० | |
उमरेड कार्र्हन्डला | पवनी | नागपूर-भंडारा | २०१२ | १८९.२९ |
मानसिंगदेव | नागपूर | २०१० | ६० | |
नवीन बोर | सेलू | वर्धा – नागपूर | २०१२ | ६० |
कोंकण विभाग
अभयारण्ये | तालुका | जिल्हा | स्थापना | क्षेत्रफळ(चौ. कि. मी) |
---|---|---|---|---|
तुंगारेश्वर (पक्षी) | वसई | पालघर | २००३ | ८५ |
फणसाड पक्षी अभयारण्य | अलिबाग | रायगड | १९८६ | ७० |
कर्नाळा (पक्षी) | पनवेल | रायगड | १९८६ | १२.१४४ |
तानसा | वाडा | पालघर | १९७० | ३२० |
मालवण सागरी | मालवण | सिंधुदुर्ग | १९८७ | |
सुधागड | सुधागड | रायगड | २०१४ | ७७.१२८ |
महाराष्ट्र व्याघ्र क्षेत्रे
➤ महाराष्ट्रातील व्याघ्र राखीव क्षेत्राचे एकूण क्षेत्रफळ (कोअर झोन) 3775.484 चौ. किमी. म्हणजेच महाराष्ट्राच्या एकूण क्षेत्रफळाच्या 1.226 % एवढे आहे.
महाराष्ट्र व्याघ्र क्षेत्रे
व्याघ्र राखीव क्षेत्र | कोअर झोन क्षेत्रफळ (चौ.किमी.) | बफर झोन क्षेत्रफळ (चौ.किमी.) | एकूण क्षेत्रफळ (चौ.किमी |
---|---|---|---|
मेळघाट | 1500.49 | 1268.03 | 2768.52 |
ताडोबा अंधारी | 625.82 | 1101.7711 | 1727.5911 |
पेंच | 257.26 | 483.96 | 741.22 |
सह्याद्री | 600.12 | 565.45 | 1165.57 |
नवेगाव-नागझिरा | 653.674 | - | 653.674< |
बोर | 138.12 | - | 138.12 |
महाराष्ट्रातील जागतिक वारसा यादीमध्ये समाविष्ट स्थळे : (एकूण 8)
- वेरुळच्या लेण्या
- अजिंठा लेण्या
- एलिफंटा लेण्या
- छत्रपती शिवाजी टर्मिनस
- कास पठार
- कोयना वन्यजीव अभयारण्य
- चंदोली राष्ट्रीय उद्यान
- राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य
महाराष्ट्रातील राष्ट्रिय उद्याने (एकूण 6)
राष्ट्रिय उद्यान | स्थापना | क्षेत्रफळ | जिल्हा |
---|---|---|---|
चांदोली | 2004 | 317.67 | सातारा, सांगली, कोल्हापूर व रत्नागिरी |
गुगामल | 1987 | 361.28 | अमरावती |
नवेगाव | 1975 | 133.88 | गोंदिया |
पेंच | 1975 | 257.26 | नागपूर |
सजय गाधी | 1983 | 86.96 | मुंबई उपसागर व ठाणे |
ताडोबा | 1955 | 116.55 | चद्रपूर |
महाराष्ट्र राज्य जीव
- राज्य प्राणी :शेकरू (Malabar giant squirrel) - Ratifa indica
- राज्य पक्षी : हरियाल (Yellow - footedgreen Pigeon)- Treron phoenicoptera
- राज्य फुलपाखरू : ब्ल्यू मोरमान - Papiliopolymnestor
- राज्य फूल : जारुल - Lagerstroemia Speciosa
- राज्य वृक्ष : साग Tectona grandis
- राज्य फळ : आंबा (Alphanso Mango)-Magnifera indica
ब्लू मॉरमॉन(रानी पाकोळी)
➤महाराष्ट्र राज्य वन्यजीव मंडळाच्या बैठकीत 'ब्ल्यू मोरमॉन' या फुलपाखराला राज्य फुलपाखरू मान्यता देण्याचा स्तुत्य निर्णय नुकताच घेण्यात आला.
➤ यानिमित्तानं 'राज्य फुलपाखरू' घोषित ब्ल्यू मोरमॉन (राणी पाकोळी)म्हणून मान्यता देण्याचा करणारं महाराष्ट्र हे देशातलं पहिलं राज्य ठरलं.
➤ 'ब्ल्यू मोरमॉन'ला राज्य फुलपाखरू घोषित केल्याच्या निमित्तानं महाराष्ट्रान फुलपाखरांचं निसर्गातलं महत्त्व अधोरेखित करण्यात पुढाकार घेतला आहे.
➤ वन्यजीवसंवर्धन म्हणजे केवळ वाघ अथवा यो प्राणीच नव्हे तर संपूर्ण जैवविविधतेचं संवर्धन.
➤त्यात छोट्यात छोटे कीटकसुद्धा महत्त्वपूर्ण ठरतात.
➤महाराष्ट्रात 225 जातींची फुलपाखरे आढळतात.
➤देशात जेवढी फुलपाखरे आहेत त्यातील 15 टक्के महाराष्ट्रात आहेत 'ब्ल्यू मोरमॉन' महाराष्ट्राच्या पश्चिम घाटाबरोबरच श्रीलंका व द. भारत पूर्व समुद्री किनाऱ्यावरील भागात आढळते.
➤संपूर्ण महाराष्ट्र आणि दक्षिण भारतातील जंगलांमध्ये हे फुलपाखरू आढळतं.
➤ पण सह्याद्री पर्वतरांगा आणि आसपासच्याप्रदेशात तुलनेत त्याचं प्रमाण अधिक आहे.
➤सातपुडा पर्वतरांगा, ताडोबा आणि विदर्भातील इतर जंगलांमध्ये ते तुरळकप्रमाणात आढळते.
➤विशेष म्हणजे ज्या ठिकाणी खूप शहरीकरण झालेलं आहे अशा मुंबईत अगदी कुलाब्यापर्यंत तसंच नागपूरला महाराजबाग परिसरातसुद्धा हे फुलपाखरू दिसते.
महाराष्ट्रातील संरक्षित क्षेत्र जाळे (Protected Area Networks)
संरक्षित प्रकार | संख्या | क्षेत्रफल | राज्याच्या एकूण क्षेत्रफळाशी प्रमाण (%) |
---|---|---|---|
राष्ट्रीय उद्याने | 6 | 1273.60 | 0.41 |
वन्यजीव अभयारण्ये | 42 | 7604.44 | 2.47 (पूर्वी 4.6) |
जीवावरण राखीव क्षेत्रे (Biosphere Reserves) | 0 | - | - |
जीवसमुदाय राखीव क्षेत्रे (Community Reserves) | 0 | - | - |
संवर्धन राखीव क्षेत्रे (Conservation Reserves) | 2 | 184.21 | 0.06 |
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